वृश्चिक वार्षिक राशिफल 2025

वृष्चिक राशि

राशि स्वामी- मंगल
राशि नामाक्षर -तो,ना,नी,नू,ने,नो,या,यी,यू
आराध्य- श्री हनुमान जी
भाग्यशाली रंग - लाल
राशि अनुकूल वार- मंगलवार, बृहस्पतिवार और रविवार 

नौकरी और व्यवसाय
कार्य व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष का प्रारंभ अनुकूल रहेगा। सप्तम स्थान के गुरु के प्रभाव से आप अपने व्यापार में उन्नति करेंगे। आपको कार्य क्षेत्र में मित्र सहयोगी वह जीवनसाथी का भी सहयोग प्राप्त होगा। यदि आप साझेदारी में कार्य कर रहे हैं तो अपने साझेदार से संतुष्ट रहेंगे। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए वर्ष के मध्य तक का समय विशेष रूप से अनुकूल रहेगा। यदि नौकरी में कोई परिवर्तन करना चाहते हैं तो राहु और केतु का गोचर आपके लिए सहायक सिद्ध होगा। वर्ष के मध्य के पश्चात देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव पर कुछ नए व्यापारिक अनुबंध आपको दे सकता है। शनि का गोचर मार्च तक आपके लिए विशेष रूप से अनुकूल नहीं है मार्च के बाद शनि का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव पर होगा और शनि की ढैया से आपको छुटकारा मिलेगा और व्यावसायिक और नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए यह शनि अब सहायक सिद्ध होंगे। जो लोग काफी लंबे समय से अपनी नौकरी में कुछ परिवर्तन करना चाह रहे थे वर्ष के मध्य के पश्चात राहु और केतु का गोचर जब कुंभ और सिंह राशि पर होगा तो उनकी इच्छा पूरी होगी। जो लोग स्थानांतरण के लिए भी प्रयासरत थे उनको वर्ष के मध्य के पश्चात सफलता मिलेगी।

आर्थिक
आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारंभ उत्तम रहेगा। एकादश एवं द्वितीय स्थान पर गुरु के दृष्टि प्रभाव से आपके धनागम में निरंतरता बनी रहेगी। और आप इच्छित बचत करने में सफल रहेंगे। आप निष्ठा के साथ धनार्जन में लगे रहेंगे और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में आपको पत्नी एवं बड़े भाई का सहयोग भी प्राप्त होगा। 29 मार्च के पश्चात शनि का गोचर आपकी पंचम भाव पर होगा और शनि की दृष्टि आपके एकादश भाव पर होगी आमदनी की स्थितियां पहले से कुछ बेहतर होती नजर आ रही हैं। राहु और केतु का गोचर वर्ष के मध्य तक आमदनी के कुछ नए स्रोत बने का भी संकेत दे रहा है। वर्ष मध्य के बाद देवगुरु बृहस्पति का गोचर अष्टम भाव में होने की वजह से कुछ विदेश से भी लाभ की उम्मीद आप इस वर्ष कर सकते हैं।

घर परिवार और रिश्ते
पारिवारिक रूप से यह वर्ष सामान्य रहेगा। वर्ष के आरंभ में राशि से सप्तम भाव पर गुरु के प्रभाव से जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर होंगे। यदि आप अविवाहित हैं तो विवाह हो सकता है। आपकी सामाजिक पद व प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी। वर्ष के आरंभ से मार्च तक का समय शनि का गोचर आपकी राशि से चतुर्थ भाव पर होगा इसलिए पिछले काफी समय से शनि की ढैया के प्रभाव से जो व्यक्तिगत जीवन में मानसिक तनाव के दौर से आप गुजर रहे थे मार्च के पश्चात शनि की ढैया के प्रभाव से मुक्त होने के बाद मानसिक रूप से आपको प्रसन्नता की प्राप्ति होगी। घर परिवार की स्थितियां पहले से बेहतर होंगी। संतान के लिए वर्ष अनुकूल नहीं रहेगा। वर्ष के आरंभ में पंचम स्थान का राहु संतान से संबंधित चिंताएं दे सकता है। आपके बच्चों का स्वास्थ्य अनुकूल नहीं होने के कारण उनकी शिक्षा दीक्षा भी प्रभावित हो सकती है। बच्चों को सफलता प्राप्ति के लिए लगातार कठिन परिश्रम की आवश्यकता रहेगी। वर्ष के मध्य के पश्चात जब राहु का गोचर चतुर्थ भाव में होगा तो माता के स्वास्थ्य के प्रति आपको सचेत रहने की आवश्यकता इस वर्ष रहेगी।

स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह वर्ष पिछले वर्ष की अपेक्षा अनुकूल रहेगा। वर्ष का प्रारंभ राशि स्थान पर गुरु एवं शनि ग्रह के संयुक्त दृष्टि प्रभाव से होगा। जिससे आपका स्वास्थ्य की अनुकूलता बनी रहेगी, दृष्टि प्रभाव से आपके मन में अच्छे विचार आएंगे।आप कार्यो को सकारात्मक रूप से करेंगे। वर्ष के मध्य के पश्चात अष्टम भाव में गुरु का गोचर और चतुर्थ भाव में राहु का गोचर कुछ मानसिक परेशानियां दे सकता है। अष्टम भाव में गुरु का गोचर आपको कुछ अचानक से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी देगा। विशेष रूप से खान-पांच पर नियंत्रण बनाकर रखें जिससे आपका स्वास्थ्य पूरे वर्ष अनुकूल बना रहे।

प्रेम संबंध
प्रेम संबंधों के मामले में पिछले वर्ष की अपेक्षा यह वर्ष ज्यादा अच्छा रहेगा। वर्ष के मध्य तक पंचम भाव में राहु का गोचर आपके लिए प्रेम संबंधों के मामले में ज्यादा शुभ नहीं रहेगा। आपकी राशि पर बृहस्पति की दृष्टि प्रभाव से प्रेम संबंधों में आए हुए परेशानियों का हल आप शांतिपूर्वक खोज लेंगे। किंतु आपके साथी के साथ सामंजस्य की कमी वर्ष के मध्य तक बनी रहेगी। शनि और राहु की युति का प्रभाव मार्च से मई तक रहेगा यह कालखंड आपके प्रेम संबंधों में अलगाव की स्थिति को दर्शाता है इसलिए इस कालखंड में आप धैर्य बना कर रखें। वर्ष के मध्य तक प्रतीक्षा करें इसके बाद आपके प्रेम संबंधों में स्थितियां आपके लिए अनुकूल रहेंगी।

यात्राएं
यात्रा की दृष्टि से यह वर्ष अनुकूल रहेगा। वर्ष के मध्य तक तृतीय स्थान में गुरु की दृष्टि छोटी मोटी यात्रा कराती रहेगी। नौकरीपेशा वाले व्यक्तियों का घर से दूर स्थानांतरण हो सकता है। यह स्थानांतरण आपके लिए अनुकूल स्थान पर नहीं होगा। मई के बाद द्वादश स्थान पर गुरु के दृष्टि प्रभाव से आप विदेश यात्रा भी करेंगे। राहु का गोचर वर्ष के मध्य के पश्चात आपके चतुर्थ भाव पर होगा इसलिए कुछ व्यावसायिक यात्राओं का योग भी बनेगा।

शनि की ढैया का प्रभाव
मार्च के पश्चात आपको शनि की ढैया के प्रभाव से छुटकारा मिलेगा। पिछले काफी समय से आप शनि की चतुर्थ ढैया का सामना कर रहे थे जो आपके लिए मानसिक रूप से परेशानी की वजह बन रही थी। मार्च के पश्चात शनि की ढैया से छुटकारा मिलेगा आप मानसिक, पारिवारिक रूप से प्रसन्नता का अनुभव करेंगे। कुछ स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां भी जो चल रही थी उनसे भी आपको मार्च के पश्चात छुटकारा मिलेगा।

उपाय
वर्ष की शुरुआत श्री हनुमान जी के मंदिर में दर्शन पूजन के साथ करें। नित्य प्रति सूर्य नमस्कार करें और सूर्य को जल चढ़ाएं। गुरुवार के दिन पीली वस्तुएं जैसे केला या बेसन के लड्डू दान करें।

Recommended