धनु वार्षिक राशिफल 2025

धनु राशि

राशि स्वामी - बृहस्पति
राशि नामाक्षर - ये,यो,भा,भी,भू,धा,फा,ढ,भे
आराध्य- श्री विष्णु नारायण
भाग्यशाली रंग- पीला
राशि अनुकूल वार- बृहस्पतिवार, रविवार, मंगलवार

नौकरी और व्यवसाय
कार्य व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष का प्रारंभ सामान्य रहेगा। आपके कार्य क्षेत्र में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। गुरु ग्रह का गोचर अनुकूल नहीं होने के कारण आप अपने कार्यों का अंजाम तक पहुंचने में कठिनाई का अनुभव करेंगे। इसलिए आप अपनी शक्ति व सामर्थ्य के अनुसार कार्य करते रहें। नौकरी करने वाले जातकों का स्थानांतरण घर से दूर हो सकता है यह सारी स्थितियां वर्ष के मध्य तक रहेंगी।वर्ष के मध्य के पश्चात आपकी राशि के स्वामी बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से सातवें भाव पर होगा और विपरीत स्थितियों में सुधार होगा। राहु और केतु का गोचर भी वर्ष के मध्य के पश्चात आपके तृतीय और नवम भाव पर प्रारंभ हो जाएगा और विपरीत स्थितियों से आपको छुटकारा दिलाएगा। किंतु शनि का गोचर 29 मार्च के पश्चात राशि से चौथे भाव पर होने के कारण आपको शनि की चतुर्थ ढैया का सामना करना पड़ेगा। शनि की दृष्टि आपके दशम भाव पर होगी इसलिए।नौकरी और व्यवसाय के दृष्टिकोण से शनि की ढैया आपके लिए अनुकूल नहीं रहेगी।

आर्थिक
वर्ष के आरंभ में व्यापारिक अनुकूलता नहीं होने के कारण आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं रहेगी। मई के बाद एकादश स्थान पर गुरु ग्रह के दृष्टि प्रभाव से धनागम में वृद्धि होगी। आप बचत कर आर्थिक स्थिति को सुधारने  में सफल रहेंगे। पैतृक संपत्ति से भी कुछ लाभ की संभावना इस वर्ष बनेगी और आर्थिक रूप से आपको इससे लाभ होगा।
 
घर-परिवार और रिश्ते
पारिवारिक दृष्टि से वर्ष का प्रारंभ अनुकूल नहीं है। चतुर्थ स्थान के राहु आपके परिवार में कुछ विषम परिस्थितियां उत्पन्न कर सकते हैं जिससे आपका पारिवारिक माहौल खराब हो सकता है। माता के साथ आपके वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। माता को स्वास्थ्य संबंधित कुछ परेशानी भी हो सकती है। वर्ष के मध्य के पश्चात देव गुरु बृहस्पति का गोचर सप्तम भाव में होने से जीवनसाथी के साथ आपके संबंध मधुर होंगे। जो लोग विवाह के लिए प्रतीक्षारत हैं उनका विवाह वर्ष के मध्य के पश्चात हो सकता है। 29 मार्च के पश्चात शनि का प्रभाव आपके चतुर्थ भाव पर होगा इसलिए मार्च से मई तक का कालखंड आपके पारिवारिक जीवन के लिए विशेष रूप से अच्छा नहीं रहेगा। इस कालखंड में धैर्य बना कर रखें कोई विवाद की स्थिति को ना बनाएं।संतान के लिए वर्ष के आरंभ में गुरु ग्रह का गोचर अनुकूल नहीं है इसलिए उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। शिक्षा भी प्रभावित हो सकती है परंतु मई के बाद संतान के लिए समय काफी अनुकूल हो रहा है। शिक्षा प्रतियोगिता के क्षेत्र में मई के बाद उनको आशातीत सफलता मिलेगी।

स्वास्थ्य
स्वास्थ्य की दृष्टि से वर्ष का प्रारंभ उत्तम नहीं रहेगा। छठे स्थान का गुरु पिछले कुछ समय से छोटी-मोटी बीमारियों से आपको प्रभावित कर रहे हैं ऐसे में स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी होगा। यदि पहले से कोई लंबी बीमारी से ग्रसित हैं तो परहेज बनाकर रखें। वर्ष के मध्य के पश्चात देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से सातवें भाव पर होगा और उनका दृष्टि प्रभाव आपकी राशि पर पड़ेगा जिससे स्वास्थ्य की स्थितियों में सुधार होगा। आप मानसिक और शारीरिक रूप से प्रसन्नता का अनुभव करेंगे। किंतु शनि की ढैया 29 मार्च के पश्चात प्रारंभ हो रही है इसलिए मानसिक रूप से कुछ समस्याएं बनी रहेंगी ,उनका समाधान धैर्य पूर्वक ही निकाले जिससे आपका स्वास्थ्य इस वर्ष प्रभावित न हो।

प्रेम-संबंध
प्रेम संबंधों के मामले में वर्ष की शुरुआत बहुत अच्छी नहीं रहेगी। शनि के गोचर परिवर्तन के बाद प्रेम संबंधों के मामले में सुधार देखने को मिलेगा। इस वर्ष कुछ नए प्रेम संबंध बनेंगे तो कुछ पुराने प्रेम संबंधों में कुछ अलगाव की भी स्थिति बन सकती है। ऐसी स्थिति में आपको प्रेम संबंधों के मामले में सजग रहना होगा और साथी के साथ सामंजस्य और विश्वास को कायम रखने की जरूरत इस वर्ष रहेगी।

यात्राएं
यात्रा की दृष्टि से यह वर्ष अनुकूल रहेगा। वर्ष के प्रारंभ में द्वादश स्थान पर गुरु एवं शनि ग्रह के संयुक्त दृष्टि प्रभाव से आपकी विदेश यात्रा के प्रबल योग बन रहे हैं। इस वर्ष कुछ धार्मिक यात्राओं के भी योग बनेंगे। यह यात्राएं आपके परिवार के साथ होंगी और इन यात्राओं के बाद आप अपने अंदर आध्यात्मिक चेतना को अनुभव करेंगे।

शनि की ढैया का प्रभाव
इस वर्ष 29 मार्च के पश्चात शनि का गोचर आपकी राशि से चतुर्थ भाव पर होगा। इसलिए शनि की ढैया की शुरुआत इस वर्ष हो जाएगी। राशि से चतुर्थ भाव पर शनि की ढैया पारिवारिक मामलों में कुछ मानसिक कष्ट की अनुभूति कराती है। माता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा। माता के साथ वैचारिक विचारों का ताल मेल आपको सही रखना होगा तभी शनि का गोचर आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा।

उपाय
वर्ष की शुरुआत भगवान विष्णु के मंदिर में दर्शन पूजन के साथ करें। शनिवार के दिन शाम को सरसों के तेल का दीपक पीपल के वृक्ष के नीचे जलाएं। पीले फल व पीली वस्तुओं का दान करें अथवा गाय को खिलाएं।

Recommended