मासिक राशिफल: सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए जुलाई का महीना मिलाजुला रहने वाला है। माह का पूर्वार्द्ध आपके लिए अनुकूलता लिए रहने वाला है। इस दौरान आपके सोचे हुए अधिकांश कार्य समय पर पूरे होते हुए नजर आएंगे। कार्यक्षेत्र में सहयोगियों के साथ कुछेक मतभेद अथवा असहमति के बावजूद अंततः चीजें आपके पक्ष में जाएंगी। करियर की तरह कारोबार के लिए भी जुलाई महीने का पूर्वार्ध आपके लिए अत्यंत ही शुभ एवं लाभदायक रहने वाला है। इस दौरान आपकी दैनिक आय बढ़ेगी। यदि आप विदेश से जुड़े कार्य करते हैं या फिर विदेश में करियर-कारोबार के लिए प्रयासरत हैं तो आपको इस दिशा में सकारात्मक फलों की प्राप्ति होगी। माह के मध्य तक विदेश यात्रा के योग भी बन सकते हैं।
माह के पूर्वार्ध में जहां आपको विभिन्न स्रोतों से आय होगी, वहीं इस दौरान आप तमाम चीजों पर खुले हाथ से जमकर खर्च करेंगे। इस दौरान आपको भूमि-भवन अथवा वाहन सुख की प्राप्ति संभव है। माह के मध्य में आपकी परिस्थितियों में अचानक बड़ा बदलाव आ सकता है। इस दौरान लोग आपकी बातों का गलत अर्थ निकाल सकते हैं। कार्यक्षेत्र में सीनियर और जूनियर के साथ तालमेल बिठाने में दिक्कतें आ सकती हैं। इस दौरान आपको करियर-कारोबार से जुड़ा कोई भी बड़ा निर्णय भावनाओं में बहकर लेने से बचना होगा, अन्यथा बाद में पछतावा करना पड़ सकता है। रिश्ते-नाते की दृष्टि से भी जुलाई माह का उत्तरार्ध थोड़ा प्रतिकूल रह सकता है। इस दौरान कुटुंब में किसी बात को लेकर मतभेद हो सकता है।
उपाय: प्रतिदिन भगवान सूर्यदेव को जल चढ़ाएं और आदित्य हृदय स्तोत्र का तीन बार पाठ करें।
माह के पूर्वार्ध में जहां आपको विभिन्न स्रोतों से आय होगी, वहीं इस दौरान आप तमाम चीजों पर खुले हाथ से जमकर खर्च करेंगे। इस दौरान आपको भूमि-भवन अथवा वाहन सुख की प्राप्ति संभव है। माह के मध्य में आपकी परिस्थितियों में अचानक बड़ा बदलाव आ सकता है। इस दौरान लोग आपकी बातों का गलत अर्थ निकाल सकते हैं। कार्यक्षेत्र में सीनियर और जूनियर के साथ तालमेल बिठाने में दिक्कतें आ सकती हैं। इस दौरान आपको करियर-कारोबार से जुड़ा कोई भी बड़ा निर्णय भावनाओं में बहकर लेने से बचना होगा, अन्यथा बाद में पछतावा करना पड़ सकता है। रिश्ते-नाते की दृष्टि से भी जुलाई माह का उत्तरार्ध थोड़ा प्रतिकूल रह सकता है। इस दौरान कुटुंब में किसी बात को लेकर मतभेद हो सकता है।
उपाय: प्रतिदिन भगवान सूर्यदेव को जल चढ़ाएं और आदित्य हृदय स्तोत्र का तीन बार पाठ करें।