कुंभ वार्षिक राशिफल 2025


कुम्भ राशि

राशि स्वामी - शनि
राशि नामाक्षर - गु,गे,गो,सा,सी,सू,से,सो,था
आराध्य - श्री शिव जी
भाग्यशाली रंग - भूरा,काला
राशि अनुकूल वार- शनिवार, शुक्रवार, बुधवार 

नौकरी और व्यवसाय
कार्य व्यवसाय की दृष्टि से यह वर्ष सामान्य रहेगा। वर्ष की शुरुआत से मार्च तक राशि पर शनि के प्रभाव से आप आलस्य से प्रभावित हो सकते हैं जिसके कारण आपका कार्य व्यवसाय प्रभावित हो सकता है। यदि आप साझेदारी में कार्य कर रहे हैं तो आप अपने साझेदारी से संतुष्ट नहीं रहेंगे और आपको इच्छित लाभ प्राप्त नहीं होगी।नौकरी करने वाले व्यक्तियों के लिए मार्च के पश्चात का समय अच्छा रहेगा। वर्ष के मध्य तक देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से चतुर्थ भाव पर होगा जो आपके लिए कुछ लाभदायक सिद्ध होता रहेगा। वर्ष मध्य के पश्चात राहु का गोचर आपकी राशि पर और देवगुरु बृहस्पति का गोचर राशि से पंचम भाव पर होगा व्यावसायिक दृष्टिकोण से यह स्थिति लाभदायक होगी। राहु के गोचर की वजह से आपको निर्णय सोच समझ कर लेने होंगे जो लोग नौकरी में परिवर्तन की उम्मीद लगा कर बैठे हैं उनके लिए वर्ष के मध्य तक कुछ अच्छी संभावनाएं बनेंगी।शनि का गोचर मार्च के पश्चात आपकी राशि से दूसरे भाव पर होगा इसलिए परिवर्तन की संभावनाएं फलित होने के योग बनेंगे। इस वर्ष वाणी पर नियंत्रण बनाए रखने की आवश्यकता होगी खासकर मार्च से और मई के महीने तक अन्यथा आपके बनते हुए काम बिगड़ जाएंगे नौकरी और व्यवसाय में नुकसान का सामना भी करना पड़ेगा।

आर्थिक राशिफल
आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारंभ अनुकूल नहीं रहेगा। द्वितीय स्थान के राहु आर्थिक मामलों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनाए रखेंगे। इसके फलस्वरूप आप बचत नहीं कर पाएंगे।आर्थिक निर्णय लेने से पहले उसे क्षेत्र से जुड़े अनुभवी लोगों की सलाह अवश्य ले लें।वर्ष के मध्य के पश्चात आर्थिक मामलों में सफलता मिलने की संभावना बनेगी। देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव पर होगा और उनकी दृष्टि एकादश भाव पर होने से आमदनी के कुछ नए अवसर आपको मिलेंगे। वर्ष मध्य के बाद राहु का गोचर राशि में होने से निवेश करने में सावधानी आपको बरतनी चाहिए।

घर परिवार और रिश्ते
वर्ष के आरंभ में द्वितीय स्थान के राहु के प्रभाव से आपके परिवार में कुछ विषम परिस्थितियों उत्पन्न हो सकती हैं। परिवार में एक दूसरे के प्रति वैचारिक मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं जिसके फल स्वरुप आपकी पारिवारिक अनुकूलता भंग हो सकती है। शनि का गोचर मार्च तक आपकी राशि पर रहेगा इसलिए पत्नी के साथ संबंध और उनका स्वास्थ्य प्रभावित होगा। वर्ष के मध्य के पश्चात जब राहु का गोचर आपकी राशि पर और केतु का गोचर आपकी राशि से सातवें भाव पर होगा तो पत्नी के साथ अलगाव,दूरी और उनके स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी आपको पूरे वर्ष मानसिक परेशानी देती रहेगी। जो लोग लंबे समय से अपने वैवाहिक जीवन में सामंजस्य की कमी को लेकर परेशान हैं उनके लिए यह वर्ष राहत की उम्मीद के लिए अच्छा नहीं माना जाएगा। संतान की दृष्टि से वर्ष का प्रारंभ सामान्य रहेगा। आपके बच्चे अपने परिश्रम के बल पर आगे बढ़ेंगे। मई के पश्चात गुरु ग्रह का गोचर पंचम स्थान में हो रहा है उसके बाद संतान के लिए समय काफी अनुकूल हो जाएगा। संतान यदि विवाह के योग्य है तो उनके विवाह के संभावनाएं बनेंगी।जो दंपति संतान प्राप्ति के इच्छुक हैं उनको संतान प्राप्ति के योग भी इस वर्ष बनेंगे।

स्वास्थ्य
स्वास्थ्य की दृष्टि से या वर्ष सामान्य रहेगा। वर्ष के आरंभ में द्वितीय स्थान का राहु आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। आर्थिक स्थिति को लेकर आवश्यकता से ज्यादा चिंता ना करें नहीं तो इसका नकारात्मक प्रभाव भी आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ेगा। वर्ष के मध्य के पश्चात राहु का गोचर आपकी राशि पर होगा इसलिए आपको खान-पान और अचानक से होने वाली बीमारियों से सावधान रहना होगा। पूरे वर्ष योगाभ्यास करें प्राणायाम करें और खान-पान पर नियंत्रण रखें।

प्रेम संबंध
प्रेम संबंधों के मामले में वर्ष के मध्य का समय कुछ अनुकूल रहेगा। जहां एक ओर देवगुरु बृहस्पति पंचम भाव में प्रेम संबंधों में स्थिरता प्रदान करेंगे। वहीं राशि में स्थित राहु अपनी पंचम दृष्टि से प्रेम संबंधों के मामले में परेशानी,धोखा मिलने की भी संभावनाएं दिखा रहे हैं। प्रेम संबंधों के मामले में इस वर्ष दिल के बजाय दिमाग से काम करें तो ज्यादा अच्छा रहेगा।

यात्राएं
यात्राओं की दृष्टि से यह वर्ष सामान्य रहेगा। वर्ष के आरंभ में द्वादश स्थान पर गुरु की दृष्टि से विदेश यात्रा होने के प्रबल योग बन रहे हैं। इस वर्ष लंबी यात्राएं होंगी। धार्मिक यात्रा कर पुण्य अर्जित करेंगे। राहु का गोचर वर्ष के मध्य के पश्चात राशि पर होगा इसलिए व्यवसाय और नौकरी के दृष्टिकोण से भी यात्रा की संभावनाएं बनेगी।

शनि की साढ़ेसाती प्रभाव
कुंभ राशि के लोग पिछले कुछ वर्षों से शनि के साढ़ेसाती के प्रभाव में चल रहे हैं। शनि का गोचर आपकी राशि पर आपको मानसिक,आर्थिक और पारिवारिक कष्ट दे रहा है। 29 मार्च के पश्चात शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण प्रारंभ होगा और शनि राशि से द्वितीय भाव पर गोचर करेंगे। शनि का यह गोचर पिछले कुछ समय से चली आ रही विकट समस्याओं से आपको छुटकारा दिलाएगा।आर्थिक स्थितियों में सुधार होगा पारिवारिक बिखराव में कमी आएगी और मानसिक रूप से कुछ प्रसन्नता का अनुभव आप मार्च के पश्चात करेंगे।

उपाय
वर्ष की शुरुआत श्री हनुमान जी के मंदिर में दर्शन और पूजन के साथ करें।वर्ष के किसी शनिवार को हनुमान जी के मंदिर में चोला चढ़ाएं और नित्य प्रति श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें। शनिवार के दिन काले कुत्ते को गुड और रोटी खिलाएं और शाम के समय पीपल के वृक्ष में सरसों के तेल का दीपक वर्ष भर जलाएं।

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